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Photograph via snooOG

हिंदी के आधिकारिक सबरेडिट में आपका स्वागत है। यह हिंदुस्तानी भाषा की एक संस्कृतकृत व मानकीकृत विधा है जिसे संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके अधिकांश बोलने वाले उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में बसते हैं। 30 करोड़ से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं।

Rules that visitors must follow to participate. May be used as reasons to report or ban.

सबरेडिट में हिस्सा लेने के नियम। इनके तहत पाबंदियाँ और शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं।

  1. भाषाई कट्टरता में न उलझें (Don't engage in linguistic bigotry)

  2. कम गुणवत्ता वाले पोस्ट न डालें (Avoid low-quality posts)

  3. शिष्टाचार बनाए रखें (Be civil)

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2

meri kavita #61

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2024/12/17
05:33 UTC

4

Irregular Verbs Imperative

In Hindi there are certain verbs like rehna whose imperative is reh raho rahiye reh rahiyo rahiyega but what what are irregular verbs

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2024/12/16
21:14 UTC

7

Is there schwa deletion in Awadhi?

Is there schwa deletion in Awadhi?

For example is राम चरित मानस supposed to be pronounced as Rām Charit Mānas or Rāma Charita Mānasa?

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2024/12/16
20:29 UTC

18

मैंने कविता लिखने की कोशिश की है, क्या यह अच्छी है?

मैंने यह कविता लिखी और मैंने एक-दो लोगों को दिखाई तो उन्हें अच्छी लगी और मेरी एक दोस्त ने बोला कि मुझे इसे कहीं पोस्ट करना चाहिए ताकि ज्यादा लोगों तक पहुंचे। तो क्या यह सच में इतनी अच्छी है और मैं इसे कहाँ पोस्ट कर सकता हूँ ताकि मैं इसे ज्यादा लोगों तक पहुँचा पाऊँ?

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2024/12/16
05:35 UTC

5

मैंने कब कहा कोई मेरे साथ चले, चाहा ज़रुर - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

मैंने कब कहा कोई मेरे साथ चले चाहा जरुर!

अक्सर दरख़्तों के लिए जूते सिलवा लाया और उनके पास खड़ा रहा वे अपनी हरियाली अपने फूल-फूल पर इतराते अपनी चिड़ियों में उलझे रहे

मैं आगे बढ़ गया अपने पैरों को उनकी तरह जड़ों में नहीं बदल पाया

यह जानते हुए भी कि आगे बढ़ना निरंतर कुछ खोते जाना और अकेले होते जाना है मैं यहाँ तक आ गया हूँ जहाँ दरख़्तों की लंबी छायाएं मुझे घेरे हुए हैं

किसी साथ के या डूबते सूरज के कारण मुझे नहीं मालूम, मुझे और आगे जाना है कोई मेरे साथ चले मैंने कब कहा, चाहा ज़रुर

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2024/12/15
23:14 UTC

4

जाइए & जायें —Why are there two forms of verbs in Hindi?

करिए & करें

जाइए & जायें

बोलिए & बोलें

Why are there two forms of verbs in Hindi, one with इए and the other with a nasalisation?

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2024/12/15
21:20 UTC

17

People catch my accent when I speak Hindi.... How to improve?

Hi, native Bengali here.

I know Hindi as Hindi was my second language in school.

I'm not like other Bengalis who have difficulties talking in Hindi continuously.

Thing is whenever I speak with Hindi, people instantly ask You are Bengali, right?

Maybe it's my accent and that's how they know I'm not a native Hindi speaker?

How do I improve and talk like a native Hindi speaker?

Examples of successful Bengali Bollywood actors Kajol, Rani Mukherjee, Bipasha can speak smooth Hindi.

How do I be smooth Hindi talker?

Any Youtube videos or any tutorials that would help me? :(

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2024/12/15
18:32 UTC

4

Zakir Hussain की मृत्यु

Zakir Hussain

भारतीय संगीत की दुनिया में जिन नामों ने ध्वनि और भावनाओं का अद्भुत मेल किया, उनमें उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का नाम सबसे ऊपर है। Zakir Hussain ka Jivan Parichay केवल एक महान कलाकार की कहानी नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, समर्पण, और संगीत की दिव्यता की कहानी है। उनके तबले की धुनें न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी गूंज छोड़ती हैं। उनकी कला ने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। ज़ाकिर हुसैन का जीवन संगीत प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा है और उनकी कहानी हर व्यक्ति को अपने जुनून के प्रति समर्पित रहने की सीख देती है।

Source - Zakir Hussain

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2024/12/15
18:06 UTC

2

कृपया मेरी कविताओं की समीक्षा करें और यदि संभव हो तो उनमें सुधार करें

मैंअभी हिंदी सीख रही हूं, और मूल भाषी नहीं हूं I अतः सहायता करे I

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  1. झांसा है कथन, की दरिंदगी बस दरिंदों के लिए बनी हैं,

पर सत्य तो इतिहास में हर पन्ने पर ही लिखा है।

फांसी मिली है शायद कुछ बलात्कारियो को कभी-कभी,

पर सबसे बड़ी पीड़ा , सबसे बड़े सवाल उठाने वालों को ही मिली है ।

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  1. चीख होंगी,

चीख दीवार के पीछे होगी

फिर चीखे होंगी,

चीखे दीवारों के पीछे होंगी,

और एक दिन बस दीवारें होंगी।

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1 Comment
2024/12/15
16:39 UTC

16

'छपरी' शब्द की व्युत्पत्ति क्या है और क्या यह वाक़ई एक जातिसूचक शब्द रहा है?

'छपरी' शब्द जो आजकल हिन्दी में एक ढंग से फ़ैशन करने वाले या एक ढंग के रील्स़ बनाने वाले नौजवानों के लिए अपमान स्वरूप उपयोग होता है, क्या असल में कभी एक जातिसूचक शब्द रहा है?

मैं आए दिन लोगों यह दावा करते सुनता कि इस शब्द का नाता छप्पर/खप्परें बनाने वाले लोगों से है अतः यह शब्द की व्युत्पत्ति जातिवादी है। पर‌ मुझे २०२३ के पहले का इस शब्द के जातिवादी होने के विषय में कोई literature या ज़िक्र नहीं मिलता। इस शब्द के जातिवादी होने के सारे चर्चें इस शब्द के फ़िल्म आदिपुरुष में प्रयुक्त होने के बाद हुए। और फिर इस विषय पर कई अनुच्छेद और एडिटोरियल्स़ लिखे गए। यह मुझे अजीब लगता है क्योंकि यह शब्द टिकटॉक बूम के बाद उत्तर भारत में आदि पुरुष से सालों पहले सर्वत्र हो चुका था।

18 Comments
2024/12/15
15:19 UTC

9

क्या हिंदी को एक वैश्विक भाषा बनाना चाहिए?

आज करोड़ों लोग हिंदी बोलते हैं। उर्दू भी काफ़ी हिंदी जैसी ही है, जो काफ़ी लोग बोलते हैं। इसके अलावा, मराठी की लिपि भी देवनागरी ही है. अरब और अफ़्रीकी देशों में भी बॉलीवुड की लोकप्रियता के चलते हिंदी की समझ बढ़ती जा रही है। भारत भी एक दशक में एक महाशक्ति बन जाएगा और कई देशों का भारतीय कंपनियों से व्यापार बढ़ेगा.कई विदेशी भी भारत में रोज़गार के लिए आयेंगे।

क्या हिंदी वैश्विक भाषा बनने की राह पर है?

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2024/12/15
04:03 UTC

0

हिन्दीभाषीयों का विदेशियों से विवाह

आजकल हिन्दीभाषी तथा अन्य भारतीय लड़के-लड़कियों का विदेशी व्यक्तियों से विवाह का संबंध स्थापित करना देखने को मिल रहा है। फिल्मों के माध्यम से ऐसे संबंधों को हमारे समाज में जड़ लेने में काफ़ि प्रोत्साहन भी मिल रहा है। यद्यपि यह विषय हिन्दी भाषा से सीधा ताल्लुक नहीं रखता है पर हिन्दी से इसका दूर का संबंध जरूर है। क्या ऐसे संबंधों से उपजे हुए संतान तन-मन-धन से भारतीय होंगे? या फिर उनका झुकाव पाश्चात्य देशों से होगा जिनके हित-अहित के बारे में वे सदेव चिंतित रहेंगे? इक्के-दुक्के ऐसी शादियां यदि कभी-कभार होती भी हैं तो उसे सामान्य माना जा सकता है, परंतु क्या ऐसे संबंधों को स्थापित करने में प्रोत्साहन मिलना चाहिए? क्या कहीं हिन्दी के अंग्रेजीकरण के द्वारा ही भारतीय समाज में इस विषम परिस्थिति को जन्म दिया गया है? सोचने लायक विषय है।

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2024/12/15
03:31 UTC

3

Word for Addiction in Panchayat s2ep4

What is the word for "addiction" being used in this episode of Panchayat? Here is a small clip where it is used.

The English subtitles say "addiction", but when I looked it up in my Hindi-English dictionary I couldn't find anything that matches to my ears what they are saying. But they are also speaking very quickly and I'm only able to catch a fraction of the words. I have a lot of trouble with dialect in this show I think.

5 Comments
2024/12/14
20:33 UTC

34

I thought to myself that "Lok Shahi" would be such a cool word for लोकतंत्र (Democracy) in Hindi/Urdu only to find out it exists lol

8 Comments
2024/12/14
13:48 UTC

5

Is there a way to represent ezafe (-e-) other than "-ए-"?

Is there a way to represent ezafe (-e-) other than "-ए-"?

For example शेर-ए-पंजाब etc.

I'm guessing the use of hyphen with an ए came because of Britain, what about before them?

10 Comments
2024/12/14
10:51 UTC

2

A Brief History Of Devanagari (In Less Than 2 Mins)

0 Comments
2024/12/14
05:15 UTC

22

A Hindi Without Sanskrit Or Persian, Theth Hindi!

6 Comments
2024/12/14
04:35 UTC

5

हे हिंदी के विद्वानों लिखें हुए मेरे विचार को पढ़ें और जहां भी त्रुटि दिखें वहां मुझे बताएं...क्या मैंने "है और हैं" का सही प्रयोग किया है?

समय-समय पर ऐसी घटनाएं होती हैं जो समाज को झकझोर देती है।ऐसे घटनाओं के बाद समाज में रह रहें लोगों का असली चेहरा सामने आता है! ऐसे लगता है हमारा यह समाज भावुक प्रधान समाज हैं! घटित घटनाओं के बाद हमलोग बहुत ज्यादा कट्टर और नफरती हो जाते हैं। हमें आगे पीछे की कहानी से कोई मतलब नहीं है। हमें नहीं पता आज हम जिनका विरोध या समर्थन कर रहे हैं वो उसके लायक हैं भी या नहीं। वक्त बीतता है तो अपने हाथ में आता है छलावा...आप तब पुरुष जाति से नफरत कर रहे हैं जब आपके घर में भाई और पीता हैं। आप तब स्त्री जाति से नफरत करते हैं जब आपके घर मां और बहन हैं। क्या हमारे आस-पास सच में ऐसा माहौल है? क्या हमलोग जिस समाज में रह रहे हैं सच में वहां इतनी नफरती माहौल है? या फिर हमलोग किसी ट्रेंड का हिस्सा भर हैं। हमलोग को खुद से ही पूछना चाहिए कही किसी का प्रोपोगेंडा में आकर तो हमलोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। जब देखता हूं यहां अलग- अलग सबरेडिट को जहां एक दूसरे के खिलाफ नफरत फैलते हुए तो दुःख होता है। ये वो तपका है जो बुद्धजीवी वर्ग से आता हैं। हमलोग नफरती बनने के लिए पैदा नहीं हुए हैं...किसी भी घटना पर हमें अपना विचार जरूर रखना चाहिए लेकिन हमें ये भी ध्यान में रखना चाहिए कि उससे किसी की मानसिक प्रताड़ना तो नहीं ना झेलनी पड़ेगी। क्योंकि अगर आज हम नफरत फैलाने का काम कर रहे है तो हमलोग भी बच नहीं पाएंगे और अपने हिस्से एक दिन नफरत आएगी! वो नफरत जहां कम कर रहे है वहां के बॉस से आ सकती है...वो नफरत सब्जी लेने गए सब्जी वाले से मिल सकती है... वो नफरत किसी दिन एक बाप, मां और बेटे से मिल सकती हैं!

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2024/12/13
19:46 UTC

3

Learning!!

People of reddit. Ive decided to learn hindi. I would very much appreciated if someone give me some advice like how to begin where to start tq...

6 Comments
2024/12/13
18:42 UTC

10

Going on a third date - help me with this phrase?

Hi! I am going on a third date with a guy that I really like whose first language is Hindi. We’re going to see Christmas lights tomorrow night - he loves them. I’d like to learn the phrase “the lights are pretty” just to surprise him. I’m here because I want to try to avoid parroting a bum Google translate version. Could anyone send me a proper translation that I could figure out how to say to catch him off guard? This is strictly for fun, he’s extremely fluent in English but I think it will tickle his sense of humor and he’ll think it’s sweet. Bonus points if I can also get the phrase “and so are you”, if I can manage to confidently remember them both. :)

Thank you so much in advance - I have an appreciation for the language and hope to continue my studies, this is all just very new!

15 Comments
2024/12/13
06:28 UTC

1

Astha - a short story

PAGE 1

12 Dec 2024

‘तुम मेरी यादों में आज भी रहती हो पर कमबख्त दुनिया घर बदली जा रही है।’

मैं हिंदी में लिखने से डरता हूँ कि कल मैं इस आधुनिकता से भरी दुनिया में पीछे ना रह जाऊं। आज जो भी मैं लिख रहा हूँ मुझे ये नहीं पता कि इस में से कितना सही और कितना गलत है। यह जीवन बड़े बंधनों से भरा पड़ा है। समय – साम्यिक यह प्रतीत होता है कि मैं एक बाहरी हूँ। दुनिया एक ओर जा रही और मैं दूसरी ओर। सारे परिचित मित्र-बंधु, संबंधी किसी न किसी प्रकार इंजीनियरिंग की ओर और मेरा मन लेखन।

"तुम बड़ा होकर क्या करना चाहता है।"

"हम तो बस लिखते जाएं अगर मेरे पापा के पास अंधा पैसा हो तो।"

"मतलब ऑथर बनना है तेरेको," वो मुस्काते हुए बोली। "हाँ है लेकिन हम गरीबों के पास ऑप्शन कहाँ।" मैं बोला। आस्था क्लास की सबसे अग्रसर छात्राओं में से एक थी - अच्छी वक्ता पर उसके नंबर काफी कम थे, मैं ठीक उसके विपरीत। मैं कुछ पंद्रह साल का रहा होऊंगा। नौवीं कक्षा और चौथी बेंच। आज सात साल हो गए उस वार्तालाप को, मुझे आज भी सब सटीक याद है। मैंने घर आकर थोड़ी पढ़ाई की , कुछ शब्द लिखे और फिर निद्रा देवी की शरण में लीन हो गया। मुझे आज भी लिखना उतना ही पसंद है। कुछ दिनों पहले ही उसकी इंस्टाग्राम स्टोरी देखी, कुछ अल्पबुद्धि युवाओं की तरह उसके विचार थे। उसने कुछ रील भी डालें थे जिसे देख यह प्रतीत होता है कि वह जीवन में पीछे रह गई हैं। हो सकता है यह अस्थायी हो पर एक धारदार वक्ता जिसके 15 वर्ष की छोटी उम्र में पर्यावरण, राजनीति, समाज आदि पर काफी प्रभावी वक्तव्य थे उसकी यह स्थिति दुखकर मन को पीड़ा होती है। बिल्कुल उसी तरह जैसा मैं आईने में खुद को देखकर महसूस करता हूँ।

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2024/12/12
18:24 UTC

15

कभी कभी सोचता हूँ आँखें बंद कर लूँ, पर अपने ज़मीर का क्या करूँ? - मंटो

कभी-कभी

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2024/12/13
03:40 UTC

1

Babaji ka Bhog & Jaadu - Premchand's thought provoking stories| बाबाजी का भोग व जादू - प्रेमचंद

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2024/12/13
03:11 UTC

53

a story in Hindi with primarily Portuguese loan words (repost coz the previous one wouldnt load)

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2024/12/12
14:56 UTC

5

"problems" + हिंदी मैं कौन सा verb?

मुझे कभी यक़ीन ना है कि हिंदी में इन मामले में कौन से verb का इस्तेमाल करना चाहिए :

It brought about / created / led to many problems

It caused trouble for us

Certain problems arose / came about after that

जब मैंने Google Translate से पूछा उसने कहा "समस्या उत्पन्न करना" या "कठिनाइयाँ पैदा करना"।

बिल्कुल, मैं ऐसा बोल सकता हूँ कि "इसके कारण / बाद कई problems हुए थे", मगर कुछ अलग चुनाव ढूंढ़ता हूँ।

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2024/12/12
14:01 UTC

12

शुद्ध हिन्दी का वाक्यों में प्रयोग

हिन्दीभाषी कुछ लोगों का यह मानना हैं कि हिन्दी के वाक्यों में अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग करना स्वाभाविक तथा सही भी है। कुछ ही दिन पहले मैंने इस मंच पर ही इसी विषय पर आलोचना होते हुए देखा था। फिल्म-जगत के एक जाने-माने हस्ति का वक्तव्य सुनने व देखने को मिला जिसमें उन्होंने एक हिन्दी वाक्य का उदाहरण देते हुए उसके शब्दों का मूल श्रोत कौन सी भाषाएं हैं यह बताया। अंत में उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि हिन्दी में पहले से बहुत से विदेशज शब्द सम्मिलित किए जा चुकें हैं अतएव आजकल हिन्दी वार्तालापों में जिस तरह अंग्रेजी के शब्दों को प्रयोग में लाया जाता है वह स्वाभाविक एवं सही है।

मैं इससे असहमत हूँँ।वह इसलिए क्यूंकि जो विदेशी शब्द हिन्दी में सम्मिलित हुए हैं अब तक, उनके हिन्दी में सम्मिलित होने में कई सदियों का समय लगा हैं। मेरे कहने का तातपर्य यह है कि हिन्दी में जो विदेशज शब्द समाहित होकर हिन्दी का अभिन्न अंग बन चुके हैं उन्हें दो-चार दशकों के दौरान ही हिन्दी भाषा में सम्मिलित कर नहीं लिया गया था। इस प्रक्रिया को सदियों का समय लगा हैं। पर आजकल जिस प्रकार हिन्दी में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग होने लगा है उसे स्वाभाविक नहीं माना जा सकता। इस गति से अगर अंग्रेज़ी शब्दों का हिन्दी में प्रयोग होना जारी रहा तो निश्चित रुप से हिन्दी एक दिन विलुप्ति के मार्ग पर आ जाएगी। सोचने लायक विषय है।

कठिनाई यह है कि साधारणत: लोग फिल्मी हस्तियों के बातों पर झूलने लगते हैं। फिल्मी हस्तियों को लोग इमानदारी व सत्यनिष्ठा से पूर्ण मानते हैं जो कि अधिकांशत: सच्चाई से परे है। हमें शुद्ध हिन्दी बोलने का प्रयास हमेशा करनी चाहिए और जितना भी हो सके अंग्रेजी शब्दों का हिन्दी में प्रयोग वर्जित करना चाहिए। फिल्मी हस्तियों का अंग्रेजी के तरफ रूझान दिखाने के पीछे कोई गुप्त मक्सद भी हो सकता है जिसपर मैं और अधिक चर्चा करने की इच्छा नहीं रखता हूं।

और सरकार को भी हिन्दी के संरक्षण के लिए एक ऐसे संगठन का निर्माण करना चाहिए जो इसपर निगरानी रखें कि किन-किन विदेशी शब्दों को भविष्य में कब-कब हिन्दी में सम्मिलित किया जाए जैसा कि ब्रिटेन में कूईनस इंग्लिश के साथ होता है। अख़बारों और फिल्मों के माध्यम से यदि कोई विदेशी मूल्क हमारे ऊपर अंग्रेजी थोपना चाह रहा है, जो प्रतीत होता है कि हो रहा है, हमें नहीं होने देना चाहिए। हाँ, यह सही है कि हिन्दी में समय-समय पर कुछ विदेशी शब्द अवश्य सम्मिलित होंगे, पर कौन-कौन से शब्द और कितने शब्द होंगे इसका निर्णय उपरोक्त संगठन के निर्देश पर होना चाहिए न कि अखबारों और फिल्मी हस्तियों के इच्छानुसार।

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2024/12/12
13:39 UTC

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चन्दन पांडेय कृत इश्क़फ़रेब

सनकी प्रेम (obsessive love), प्रतिशोध, शक्ति-क्रीड़ा (power-games) और विश्वासघात की तीन कहानियाँ विद्यालय, महाविद्यालय/विश्वविद्यालय और संव्ययसायिक जीवन के अंतर्गत प्रस्तुत की गई हैं। देव नागरी में लिखे गए अंग्रेजी वाक्यांशों का अनावश्यक रूप से प्रयोग चिड़चिड़ाहट पैदा करती है - पड़ने के लय में अवरोध प्रकट होता है।

किशोरावस्था का रोमांस महत्वहीन विषयों पर बेतुकी बातों से भरा है।

आज मैंने जाना कि "रकीब" सौतन का पुल्लिंग समकक्ष है।

1 Comment
2024/12/12
12:03 UTC

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